ड्रिंकेबल सनस्क्रीन का चला ट्रेंड, क्या होता है ये तरीका, कैसे करता है काम

मार्केट में कई तरह के स्किनकेयर प्रोडक्ट्स मौजूद हैं पर अगर किसी एक प्रोडक्ट ने सबसे ज्यादा क्लीनिकल स्टडीज के जरिए अपनी इफेक्टिनेस प्रूव की है तो वो सनस्क्रीन है. सनस्क्रीन न सिर्फ हमें सनबर्न से बचाती है बल्कि इसे सही तरीके से लगाने से स्किन कैंसर के आसार भी कम हो जाते हैं. गर्मी के मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए बेहद जरूरी होता है. लेकिन क्या हो अगर आपको इसे लगाने की बजाय पीने का ऑप्शन मिल जाए?
आजकल ‘ड्रिंकेबल सनस्क्रीन’ का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, जिसे सन प्रोटेक्शन के एक नए और अनोखे तरीके के रूप में देखा जा रहा है. ये न केवल स्किन को अंदर से सुरक्षा देने का दावा करता है, बल्कि इसे एक ईजी यूजफुल ऑप्शन भी माना जा रहा है. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये रेगुलर सनस्क्रीन की जगह ले सकता है?, और क्या ये उतनी इफेक्टिव जितना कि दावा किया जा रहा है? आइए जानते हैं ड्रिंकेबल सनस्क्रीन के बारे में कि ये कैसे काम करती है, इसके नुकसान और फायदे क्या हैं?
क्या है ड्रिंकेबल सनस्क्रीन?
ड्रिंकेबल सनस्क्रीन एक लिक्विड फॉर्मूला है जिसे पीने पर ये शरीर को अंदर से सूरज की हानिकारक UV किरणों से बचाने का दावा करता है. इसे मैनली हर्बल एक्सट्रैक्ट्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से तैयार किया जाता है, जो शरीर में जाकर स्किन की डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत बनाते हैं और UV डैमेज को रोकने में मदद करते हैं. ये रेगुलर सनस्क्रीन की तरह त्वचा पर लगाने की बजाय पीकर शरीर में अबसोर्ब हो जाती है और अंदर से स्किन प्रोटेक्शन का काम करती है. इसके पीछे का कॉन्सेप्ट ये है कि जब आप इसे पीते हैं, तो ये आपकी स्किन सेल्स में जाकर UV फिल्टर के रूप में काम करती है और हार्मफुल किरणों को ब्लॉक करने में मदद करती है.
ड्रिंकेबल सनस्क्रीन कैसे करता है काम?
ड्रिंकेबल सनस्क्रीन में मौजूद कुछ खास तत्व सूरज की हानिकारक किरणों से लड़ने के लिए एंटीऑक्सीडेंट और स्किन-बूस्टिंग कंपाउंड्स प्रोवाइड करते हैं. इसका काम करने का तरीका कुछ इस तरह है:
एंटीऑक्सीडेंट प्रोटेक्शन: इसमें ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट, बीटा कैरोटीन, लाइकोपीन और विटामिन C & E जैसे तत्व होते हैं, जो स्किन को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और सूर्य की वजह से होने वाले डैमेज को कम करते हैं.
UV किरणों के असर को कम करना: ड्रिंकेबल सनस्क्रीन शरीर में UV फिल्टर की तरह काम करता है, जिससे सूर्य की किरणें स्किन को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पातीं.
स्किन रिपेयर और हाइड्रेशन: दावा किया जाता है कि ड्रिंकेबल सनस्क्रीन के रेगुलर यूज से स्किन रिपेयर में मदद मिलती है जिससे स्किन हाइड्रेटेड रहती है और सनबर्न से बचाव में मदद मिलती है.
इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: ड्रिंकेबल सनस्क्रीन स्किन की डिफेंस को अंदर से मजबूत करने का काम करती है ताकि UV एक्सपोजर से होने वाले नुकसान को रोका जा सके.
ड्रिंकेबल सनस्क्रीन के फायदे और नुकसान
फायदे: ये शरीर को अंदर से सुरक्षा देने का काम करता है. पीने का तरीका इसे ईजी टू यूज बनाता है. ये एंटीऑक्सीडेंट्स और हर्बल इंग्रीडिएंट्स से भरपूर होता है, जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं.
नुकसान: ये UV किरणों को स्किन पर पड़ने से नहीं रोक सकता. साथ ही ये सूरज की तेज किरणों से मिलने वाले सीधे एक्सपोजर से 100% सुरक्षा नहीं दे सकता. इसके अलावा साइंटिफिक्ली इसके इफ्केटिवनेस पर अभी भी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है.