जयपुर, राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा का चतुर्थ सत्र सोमवार को शुरु होगा जिसमें राजसथान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेज जयपुर विधेयक 2025 सहित अन्य विधेयक पेश करने एवं राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेद विधेयक 2025 पर चर्चा के साथ विपक्ष द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था, किसानों का मुद्दा एवं स्मार्ट मीटर सहित कई मुद्दे उठाने से इसके हंगामेदार भी रहने की संभावना हैं।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के अनुसार इस सत्र की कार्यवाही सोमवार पूर्वाह्न ग्यारह बजे शुरु होगी। उन्होंने सत्र की तैयारियों की जानकारी लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा है कि उनकी मंशा संसद की तरह राजस्थान में भी तीन सत्र चलाने की है ताकि सदन के सत्र की बैठकें बढ़ सके और जनहित के मुद्दों पर अधिक चर्चा और उनका समाधान हो सके। उन्होंने माना है कि राजस्थान विधानसभा में पहले 50 से 60 दिनों तक सत्र होते थे लेकिन अब यह घटकर लगभग 30 दिनों हो गए है। वह इसे बढ़ाकर 40 से 50 दिनों तक ले जाना चाहते है। उन्होंने इसके लिए एकव्यावहारिक पहल और नवाचार भी किया है और संसद की तर्ज पर राजस्थान में भी हर विधानसभा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठकों को प्रारंभ किया है ताकि सभी दलों से सुझाव लेकर सदन के कार्य को सुचारू और सकारात्मक बनाया जा सके।
श्री देवनानी ने सत्र शुरु होने से पहले विभिन्न तैयारियों प्रश्नों की लॉटरी, मुद्रण, तकनीकी व्यवस्थाएं, मीडिया सुविधा आदि की समीक्षा कर हर कार्य की समयबद्धता भी सुनिश्चित की है और विधानसभा की कार्यवाही को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने, वन नेशन वन एप्लिकेशन के तहत विधानसभा में पेपर लेस व्यवस्था, तकनीकी सुधार लागू किए जाने आदि को भी स्वयं देखते है। विधानसभा में हर विधायक की सीट पर आई पेड़ और उनके निवास पर भी उन्हें कम्यूटर सेवा उपलब्ध करवाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि नेवा वेबसाइट पर विधायक ऑनलाइन प्रश्न अपलोड कर रहे है। चतुर्थ सत्र में लगभग 70 प्रतिशत प्रश्न विधानसभा सचिवालय को ऑनलाइन प्राप्त हुए है। चतुर्थ सत्र से ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विशेष उल्लेख प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव और पर्ची संबंधी अधिकांश विधायी प्रक्रियाओं