विशेष गहन पुनरीक्षण में चित्तौड़गढ़ ने दिखाई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता, मतदाता मैपिंग में राज्य में शीर्ष पर
चित्तौड़गढ़ । चित्तौड़गढ़ जिले ने विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में गुरूवार को एसआईआर डिजिटलाईजेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है। जिले ने कुल मतदाताओं में से 98 प्रतिशत से अधिक की मैपिंग पूरी कर राजस्थान के श्रेष्ठ जिलों में स्थान बनाया। इन मतदाताओं का अब काई दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं पडेगी।
कपासन विधानसभा ने सबसे पहले 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया, जबकि चित्तौड़गढ़ राज्य का एकमात्र जिला है जिसकी दो विधानसभाओं में 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओ की मैंपिग हुई है। भौगोलिक चुनौतियों के बीच प्रशासन की सतत निगरानी, फील्ड विजिट और टीमवर्क ने बड़ी भूमिका निभाई। जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन के दिशा निर्देश में 5 ईआरओ, 24 एईआरओ, 152 सुपरवाईजर, 1501 बीएलओ के साथ ही कई स्वयंसेवक और संगठन इस कार्य में लगातार सक्रिय रहे। बीएलओ,सुपरवाइजरों के उत्कृष्ट कार्य को राज्यस्तर पर सम्मान मिला, वहीं राजनीतिक दलों और बीएलए की सक्रिय भागीदारी से पूरी प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी व भरोसेमंद बनी।
1. जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन ने व्यक्त किया आभार
जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन ने इस उपलब्धि पर कहा कि - यह उपलब्धि चित्तौड़ जिले के जागरूक मतदाताओं,बीएलओ टीम, सुपरवाइजर, ईआरओ-एईआरओ और पूरे प्रशासन की सामूहिक मेहनत का परिणाम है। चित्तौड़गढ़ ने एक बार फिर साबित किया है कि जब नागरिक और प्रशासन साथ हों तो कोई लक्ष्य कठिन नहीं। सबने मिलकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी आस्था और प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
2. समर्पित प्रयास और बेहतर प्रशिक्षण से मजबूत नींव
उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग और स्पष्ट कार्ययोजना से शुरुआत से ही कार्य में गति बनी रही। फील्ड टीम तक दिशा-निर्देश सीधे पहुँचने से समन्वय मजबूत हुआ। लक्ष्य केंद्रित टीम भावना ने कार्य को सहज कर दिया। घर-घर सत्यापन, निरंतर डाटा अपडेट और समयबद्ध एंट्री को लेकर बीएलओ और सुपरवाइजरो की प्रतिबद्धता ही सफलता की मुख्य रीढ़ बनी। उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों के सम्मान करने की परम्परा से कार्मिकों में उत्साह का वातावरण बना।
3. तकनीकी साधनों का प्रभावी उपयोग, मतदाताओं को त्वरित सुविधा
मोबाइल एप्स, ऑनलाइन सत्यापन और डिजिटल सुविधाओं के चलते प्रक्रिया तेज व पारदर्शी बनी। आयोग द्वारा सुझाए गए सभी नवाचारों को सफलतापूर्वक लागू किया गया। ईआरओ-एईआरओ की फील्ड पर निरंतर उपस्थिति, मौके पर मार्गदर्शन और समस्याओं के तत्काल निवारण ने काम को गति दी और त्रुटियाँ न्यूनतम रहीं। नागरिकों ने मतदाता सूची अद्यतन में भरपूर सहयोग दिया। जागरूकता, जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक भावना की यह मिसाल ही चित्तौड़गढ़ की सफलता की सबसे बड़ी ताकत रही।
4. शहरी क्षेत्र की विशेष रणनीति हेल्प डेस्क और युवा शक्ति
कॉलेज-कैंपस हेल्प डेस्क, शहरी वार्ड और पंचायत स्तर पर शिविर और युवाओं की भागीदारी ने शहरी क्षेत्रों की चुनौतियां को भी अवसर मे बदल दिया। जिले में औद्योगिक ईकाईओं की अधिकता से श्रमिकों और कार्मिकां के पलायन की समस्या को देखते हुए प्रबंधन और श्रमिकों से सीधा संवाद और ऑनलाइन सर्च सुविधा का उपयोग बढ़ाया गया। इससे हजारों श्रमिक पहली बार व्यवस्थित तरीके से सूची अपडेट से जुड़ पाए।
5. मैपिंग प्रतिशत से जिले का बेहतरीन प्रदर्शन
मृत,अनुपस्थित और शिफ्टेड श्रेणी को मिलाते हुए लक्ष्य आधारित कुल मतदाता मैंपिग 98 प्रतिशत से अधिक पूरी हुई। मतदाताओं की मैंपिग प्रतिशत ने ऑनलाइन कार्य को आसान बनाया। 14,10,621 मतदाताओं में से केवल 2 प्रतिशत से भी कम मतदाताओं का मैपिंग से वंचित रहना टीम चित्तौड़ की दक्षता को सिद्ध करता है। कर्मचारियों के हर प्रश्न का तुरंत समाधान, अतिरिक्त तकनीकी सहायता और पर्याप्त मानव संसाधन ने प्रशासन की कार्य गति को दोगुना किया।
