गुरुदेव जन्मोत्सव पर निंबाहेड़ा में भक्ति और उल्लास का सैलाब

Update: 2025-12-05 12:37 GMT

निंबाहेड़ा में 33 वें जन्मोत्सव पर संत दिग्विजय राम  महाराज का  धार्मिक समारोह बुधवार को अत्यंत श्रद्धा और आध्यात्मिकता के साथ सम्पन्न हुआ। सोनी माहेश्वरी परिवार द्वारा आयोजित “एक शाम गुरुदेव के नाम” कार्यक्रम ने पूरे नगर को दिव्यता और गुरु-भक्ति से सराबोर कर दिया।

संत दिग्विजय राम  महाराज का नगर प्रवेश शोभायात्रा के रूप में हुआ। साकरिया ब्रिज पर ढोल, शंखध्वनि और पुष्पवर्षा के साथ उनका स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं की जयकारों से वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग गया।

उपखंड कार्यालय के समीप मौजूद वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर संत दिग्विजय रामजी ने दूध अभिषेक कर उन्हें नमन किया और उनके शौर्य तथा राष्ट्रभक्ति को याद किया।

इसके बाद शोभायात्रा कल्याण चौक पहुंची, जहां संत ने चतुर्भुज स्वरूप में विराजमान ठाकुर जी की पूजा-अर्चना की। फिर कल्लाजी मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

कार्यक्रम में अनेक संत-महात्माओं की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा और बढ़ा दी। मंच पर महंत सागर दास, अर्जुनदास, रामपाल दास, रामजुलन दास, रामदास और माणक दास सहित संत समाज विराजमान रहा।

मुख्य आकर्षण खाटूश्याम भजन संध्या रही, जिसका आयोजन सेलिब्रेशन ग्रीन में हुआ। क्षेत्रभर के हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति-रस से परिपूर्ण वातावरण में गुरु-भक्ति और श्याम-रस का अद्भुत अनुभव किया। भजन कलाकार तृप्ति लड़ा और अनुराग ठाकुर की प्रस्तुति ने सभा को भावविभोर कर दिया।

सायंकाल संत दिग्विजय राम  महाराज ने गंगा आरती संपन्न कराई। इसके बाद 40 किलो मिश्री-मावा प्रसाद का भोग श्याम दरबार में अर्पित किया गया।

अपने मंगल आशीर्वचन में संत दिग्विजय राम  महाराज ने सनातन संस्कृति, सेवा, सदाचार, मानव कल्याण और गुरु-भक्ति जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उनके उपदेशों ने भक्तों के मन में सकारात्मकता और धर्ममय जीवन की प्रेरणा जगाई।

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