तम्बाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों की जागरूकता के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक
उदयपुर, । टोबैको फ्री यूथ कैम्पेन 2.0 को सफल बनाने के लिए अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक मंगलवार शाम जिला कलक्टर के निर्देशन में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि 60 दिवसीय टोबैको फ्री यूथ केम्पेन के तहत तम्बाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों की जागरूकता के लिए सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया। समन्वय समिति की बैठक में पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग,नगर निगम, पंचायती राज, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, औषधि नियंत्रक और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन ने बताया कि तंबाकू सेवन से विश्व में प्रतिवर्ष 92 लाख से भी अधिक लोगों की मृत्यु होती है। तंबाकू सेवन से मुख से संबंधित कैंसर के रोगियों की संख्या सर्वाधिक भारत में है, इसमें 90 प्रतिशत मुंह कैंसर तंबाकू सेवन के कारण होता है। भारत में तंबाकू सेवन से लगभग 2700 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन होती है। राजस्थान में 50000 लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन से होती है। तंबाकू सेवन के पुरुषों में नपुंसकता महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी आती है। तंबाकू सेवन से हृदय एवं रक्त संबंधी बीमारियां भी तेजी से बढ़ती हैं। इससे अधिकतर मौतें दिल का दौरा पडने से होती हैं। इसके अतिरिक्त फेफड़े का कैंसर, लीवर कैंसर, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है। उन्होंने पुलिस विभाग से अनुरोध किया कि शहर में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले धूम्रपान और कैंसर उत्पादों को चबाने वाले लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाए। शिक्षा विभाग के अधिकारी से अनुरोध किया कि जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त केंद्र बनाया जाए इसकी सूचना चिकित्सा विभाग को भेजें और राज्य सरकार द्वारा दिए गए लिंक पर अपलोड करें।
जिला एनटीपीसी नोडल अधिकारी डॉ प्रणव भावसार ने बताया कि कोटपा एक्ट अधिनियम 2003 की धारा 4,5,6 और 7 को लागू कर इसके तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। धारा 4 में सार्वजनिक स्थान पर धूमपान करना अपराध है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना अनिवार्य है। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट लाइटर एवं बीड़ी जलन के लिए उपकरण इत्यादि उपलब्ध नहीं करवाई जाए। धारा 5 में तंबाकू पदार्थ के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकान पर काले अक्षरों में सफेद पृष्ठ भूमि का बोर्ड लगाया जाना सुनिश्चित करें। बोर्ड पर तंबाकू से कैंसर होता है ऐसा लिखा होना चाहिए। धारा 6 में 18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है। धारा 6 के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना अपराध है। शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है जिस पर लिखा हो कि तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान। धारा 7 में बिना चित्रित एवं वैज्ञानिक चेतावनी के तंबाकू पदार्थ के पैकेट बेचना अपराध है। यह चित्रित वैधानिक चेतावनी उपभोक्ता को बेचे जाने वाले प्रत्येक पैकेट के 85 प्रतिशत भाग पर स्पष्ट रूप से छपी होना आवश्यक है। उक्त नियमों के उल्लंघन पर 2 से 5 वर्ष की कैद व जुर्माना लगाया जा सकता है। सभी विभागों के प्रतिनिधियों ने इसमें पूर्ण जिम्मेदारी निभाने का आश्वासन दिया है।1