नमस्कार महामंत्र के जाप से अष्ट सिद्धि, नवनिधी की प्राप्ति होती है : साध्वी जयदर्शिता

By :  vijay
Update: 2025-08-04 10:54 GMT
नमस्कार महामंत्र के जाप से अष्ट सिद्धि, नवनिधी की प्राप्ति होती है : साध्वी जयदर्शिता
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 उदयपुर, । तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में कला पूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता , जिनरसा , जिनदर्शिता   व जिनमुद्रा महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि सोमवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन ग्रंथ की पूजा-अर्चना की।

आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सोमवार को आयोजित धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने प्रवचन में बताया कि जिन शासन का सार और चौदह पूर्व का संक्षेप रूप यह नवकार मंत्र जिसके मन में प्रतिष्ठित हुआ है, उसे यह संसार कुछ भी नुकसान नहीं पहुँचा सकता है। जिस प्रकार जगत् में तीर्थ तो बहुत है, परन्तु तीर्थों का राजा शत्रुंजय महातीर्थ एक ही है। जगत् में पर्व तो बहुत है किंतु पर्वों का राजा पर्युषण महापर्व एक ही है। जगत् में यंत्र तो बहुत है किन्तु यंत्रों का राजा सिद्धचक्र मंत्र एक ही है। बस इसी प्रकार जगत् में मंत्र तो बहुत हैं परन्तु मंत्रों का राजा मंत्र शिरोमणि नमस्कार महामंत्र एक ही हैं। जिस व्यक्ति के पास नवकार महामंत्र हो उसको किसी भी प्रकार का डर नही रहता। जिस प्रकार चारों ओर विशाल महा सागर हो परन्तु जो व्यक्ति जहाज में बैठा हुआ हो, उसे सागर में रहे जलचर प्राणियों का कोई भय नहीं सताता है, बस इसी प्रकार जिसके मन में नमस्कार महामंत्र प्रतिष्ठित है, उसे यह संसार भयभीत नहीं कर सकता है। नमस्कार महामंत्र में नौ पद समाविष्ट है जगत् में सर्वश्रेष्ठ ऐसे सभी पूजनीय पदों का समावेश इस नवकार मंत्र में हो जाता है। नमस्कार महामंत्र के जाप से अष्ट सिद्धि, नवनिधि की प्राप्ति होती है। श्रद्धा और विश्वास पूर्वक जाप करने से रोग-शोक-दु:ख दारिद्र आदि दूर होकर मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागोरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, चतर सिंह पामेच, गोवर्धन सिंह बोल्या, सतीश कच्छारा, दिनेश भण्डारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

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