वैष्णो देवी लैंडस्लाइड हादसा: राजस्थान के चार ज्वेलर भाइयों की दर्दनाक मौत,अब तक ३४ की गयी जान

Update: 2025-08-28 04:34 GMT


कटरा,: जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थ मार्ग पर मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को हुए भीषण भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। अर्धकुमारी मंदिर के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट हुए इस हादसे में राजस्थान के चार ज्वेलर भाइयों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में सुजानगढ़ (चूरू) के तीन भाई अरविंद (35), अनिल (43), और गजानंद (32) तथा नागौर के संदीप (35) शामिल हैं। अरविंद और अनिल सगे भाई थे, जबकि गजानंद और संदीप रिश्ते में भाई थे।



 


जानकारी के अनुसार, चारों भाई सात दिन पहले घूमने के लिए श्रीनगर गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने वैष्णो देवी दर्शन का फैसला किया। मंगलवार को दोपहर करीब 3 बजे, जब वे अर्धकुमारी के पास तीर्थ मार्ग पर थे, अचानक बड़े-बड़े पत्थर और मलबा पहाड़ी से नीचे आ गिरा। इस भूस्खलन की चपेट में आने से चारों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मलबे में दबे शवों को निकालने के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं।

मृतकों में अरविंद की सुजानगढ़ के इंदिरा प्लाजा मार्केट में ज्वेलरी की दुकान थी, और उनका भाई अनिल भी ज्वेलर था। परिवार वालों ने बताया कि चारों भाई एक साथ वैष्णो देवी दर्शन के लिए उत्साहित थे, लेकिन इस हादसे ने उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। हादसे की खबर मिलते ही सुजानगढ़ और नागौर में उनके परिजनों में कोहराम मच गया।

यह भूस्खलन भारी बारिश के कारण हुआ, जिसने जम्मू-कश्मीर में भारी तबाही मचाई। इस हादसे में कुल 34 लोगों की मौत हो चुकी है, और 20 से अधिक लोग घायल हैं। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, और यात्रियों को मौसम में सुधार होने तक यात्रा न करने की सलाह दी गई है। जम्मू-कटरा राजमार्ग बंद होने और कई ट्रेनों के रद्द होने से क्षेत्र में यातायात और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।

राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर और सी-130 विमान भी जम्मू पहुंच चुके हैं।

इस हादसे ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सावधानी और बेहतर आपदा प्रबंधन की जरूरत को रेखांकित किया है। परिजनों और स्थानीय समुदाय में शोक की लहर है, और सभी इस दुखद घटना से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

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