बांध की चादर और पाल पर मरम्मत की दरकार, विभागो की टालम टोल का हर्जाना भुगत रहे क्षेत्रवासी
शक्करगढ़। क्षेत्र की ग्राम पंचायत बाकरा में 18 वर्ष पहले बने देवनारायण सागर बांध में पाल और चादर की मरम्मत को लेकर ग्रामीण 2016 से ही संघर्ष कर रहे हे, लेकिन प्रशासन और जन प्रतिनिधि इस और ध्यान नही दे रहे हे। जिसका खामियाजा क्षेत्र के निवासियों को भुगतना पड़ रहा हे। पूर्व सरपंच राकेश कुमार खटीक ने बताया की बांध का निर्माण 2007 में हुआ था 2016 में इस बांध में गल्ला लग गया था। प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से लगातार 10 घंटे प्रयास करने के बाद बांध की पाल को टूटने से बचाया। उसी दरमियान बांध की चादर को तोड़ दिया था, तब से ही 8 साल बाद भी प्रशासन ने इस और ध्यान नही दिया।
सिंचाई विभाग पर शिकायत करने पर पंचायत समिति के अधीन होने की बात कही जाती हे और पंचायत समिति जाने पर बांध का ठेका मत्स्य विभाग करता हे, यह कहकर पल्ला जाड़ दिया जाता हे। पुखराज खटीक ने बताया की बांध की भराव क्षमता 9 फीट की हे चादर को तोड़ने के बाद से ही मात्र 6 फीट का भराव रह गया। गत वर्ष भी मरम्मत के अभाव के कारण बांध भर नही सका जिससे खेतो में किसानो को नहर से सिंचाई का पानी नही मिल पा रहा हे। साथ ही क्षेत्र के बोरिंग हैंडपंप और कुवो का जल स्तर भी गिर गया। बांध की पाल में चारो ओर बिलायति बबुल बड़े बड़े हो गए जिनकी जड़ों से कभी भी पाल में गल्ला लग सकता हे। ग्रामीणों से पहले भी कई बार बांध की पाल और चादर सहित नहरों की मरम्मत को लेकर ज्ञापन दिए थे लेकिन किसी ने इस और ध्यान नही दिया गया।
इनका कहना हे:
यह बांध पंचायत समिति जहाजपुर के अधीन हे, मरम्मत सहित सभी काम पंचायत समिति ही देखती हे।
रामप्रसाद मीना
सहायक अभियंता सिंचाई विभाग