अच्छी कार्यवाही करने के नाम से साईबर फ्रॉड करने वाला फर्जी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार

Update: 2024-06-25 12:48 GMT

चित्तौड़गढ़ (राजेश जोशी) । जिले में घटित अपराध पर दर्ज होने वाली एफआईआर ऑनलाईन होने पर साईबर धोखेबाज द्वारा ऑनलाइन एप्पस के माध्यम से एफआईआर को डॉउनलॉड करके पुलिस अधिकारी बन फरियादी को मामले में अच्छी कार्यवाही करने का झांसा देकर साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को जिला साइबर सैल एवं सदर थाना चित्तौडगढ ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए एमपी-यूपी बॉर्डर पर स्थित अस्तारी गांव से गिरफ्तार किया है। पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने फर्जी मोबाईल सिम व फर्जी बैंक अकाउंट खुलवा रखे थे।

जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि ओछडी थाना सदर चित्तौडगढ निवासी भैरुलाल पुत्र पन्नालाल गाडीया लौहार ने सदर थाने पर दी एक लिखित रिपोर्ट में बताया कि उसके पुत्र विक्रम ने सदर थाने में एक परिवाद दर्ज करवाया था। उस परिवाद पर कार्यवाही के नाम पर अज्ञात मोबाईल नम्बर से फोन कर पुलिस अधिकारी व जनप्रतिनिधी के नाम लेकर अच्छी कार्यवाही कराने का झांसा देकर 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था। वह उसके मोबाइल पर अनजान नम्बर से फोन कर बोला कि वह पुलिस अधिकारी एसपी कार्यालय चित्तौडगढ़ से बोल रहा हैं।

उनके द्वारा दर्ज परिवाद में कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं, जिसमें मुल्जिमों को अरेस्ट कर हवालात में डालने की बात कर खर्चा मांगने लगा, जिसके लिए लगातार फोन कर फोन पे नंबर पर पैसे डलवाने की बात कर रहा है। धोखेबाज ने स्वयं पुलिस का अनुसंधान अधिकारी बन अनुसंधान में मदद करने की भी बात कही। इसी तरह के कई मामले जिले में दर्ज कराई एफआईआर के फरियादियों से उसी अज्ञात नम्बर से फोन कर अच्छी कार्यवाही कराने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे है।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए ऐसे साईबर धोखेबाज को पकडने के लिए एएसपी परबत सिंह एवं वृत्ताधिकारी चित्तौड़गढ़ तेजकुमार पाठक के निर्देशन में जिले की साईबर सैल एवं सदर थाने की एक टीम का गठन किया गया। गठीत टीम द्वारा तकनीकी रुप से अनुसंन्धान करते हुए उक्त साईबर फ्रॉड की जानकारी जुटाई। उक्त धोखेबाज एमपी, युपी बोर्डर के जिला निवाडी (एमपी) का होना पाया गया। जिस पर गठित टीम द्वारा उनके सदिग्ध ठिकानों पर दबिश देकर एक साईबर धोखेबाज मध्यप्रदेश के निवाडी जिले के अस्तारी गांव निवासी 25 वर्षीय कोशल पुत्र नन्दकिशोर यादव को अस्तारी से डिटेन कर गिरफ्तार किया गया।

पुलिस जानकारी से पता चला कि पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने फर्जी मोबाईल सिम व फर्जी बैंक अकाउंट खुलवा रखे थे। अस्तारी गांव में कई लोग इस प्रकार के अपराध में लिप्त होकर उनके खिलाफ धोखाधड़ी के कई प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी स्वयं मामले का अनुसंधान अधिकारी बन अनुसंधान में मदद करने की बात भी करके फरियादियों से ठगी करता हैं।

पुलिस अधीक्षक की आमजन से अपील:

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने आमजन से अपील कर कहा कि साइबर फ्रॉड करने वाले ठग अपने आप को किसी पुलिस थाने का अनुसंधान अधिकारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय का कर्मचारी या अन्य पुलिस अधिकारी का हवाला देकर प्रकरण में निपटारा करने की बात करें तो तत्काल साइबर पोर्टल 1930, निकटतम पुलिस थानाधिकारी, वृत्ताधिकारी या पुलिस कंट्रोल रूम व्हाट्सएप नंबर 7300453344 से सम्पर्क करें। वर्तमान में कई तरह के साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग सक्रिय हैं, जिनसे जागरूक रह कर उनके झांसे में न आकर बचने के लिए सतर्कता की जरूरत हैं। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी हर रोज नए नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसलिए अलर्ट रहना जरूरी है।

उक्त कार्यवाही में निम्न टीम सदस्यो का विशेष योगदान रहा:

थानाधिकारी सदर चित्तौडगढ गजेंद्र सिंह, एएसआई बिंदु सिंह, कानि. रामचंद्र, विनोद व कुलदीप। जिला साइबर सेल से प्रभारी उपनिरीक्षक लोकपाल सिंह, हैडकानि. राजकुमार, कानि. रामावतार व गणपत।

Tags:    

Similar News