डॉक्टर से बर्बरता का विरोध-भीलवाड़ा में डॉक्टर हड़ताल पर , निजी व सरकारी अस्पतालों में नहीं मिली सेवायें, आठ हजार से ज्यादा मरिज परेशान

By :  prem kumar
Update: 2024-08-17 07:44 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता का विरोध उग्ररूप लेता जा रहा है। शनिवार को मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पताल के रेजिडेंट के साथ ही सभी निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते यहां प्रतिदिन पहुंचने वाले आठ हजार मरिजों को आज डॉक्टर्स की सेवायें नहीं मिल पा रही है। विरोधस्वरुप डॉक्टर्स ने सडक़ों पर उतर कर महारैली रैली निकाली और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने की मांग की। रैली में 11 सौ डॉक्टर्स, सहित विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हुये। आईएमए के उपाध्यक्ष डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने कहा कि रविवार सुबह छह बजे तक डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे। आज भीलवाड़ा के सरकारी अस्पताल के साथ ही 64 निजी अस्पताल बंद हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल के 400, रेजिडेंट 200 व इतने ही इंटर्न डॉक्टर्स हड़तान पर रहे।

महारैली निकाली, स्टेशन चौराहा पर प्रदर्शन

कोलकाता की घटना को लेकर आईएमए नई दिल्ली के आह्वान पर शनिवार को डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गये। सरकारी और निजी अस्पताल बंद हैं। हड़ताली डॉक्टर्स ने जिला अस्पताल परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से महारैली का आयोजन किया। रैली, सूचना केंद्र होती हुई स्टेशन चौराहा पहुंची। जहां नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इसके बाद ये महारैली कोर्ट चौराहा होकर कलेक्ट्रेट पहुंची और वहां भी डॉक्टर्स ने वी वांट जेस्टिस के नारे लगाये।

चार सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को दिया ज्ञापन

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताली डॉक्टर्स ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, सभी राज्य डॉक्टर्स के प्रति होने वाली हिंसा रोकने के लिए प्रोटेक्शन एक्ट को मजबूती से लागू करने, सीएमएस कैडर लागू करने, मेडिकल कैडर का गठन करने की मांग की। इस ज्ञापन में कहा गया कि संघर्षरत चिकित्सकों की मांगों को पूर्ण करवाने, देश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बनने से रोकने व पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था को दुरस्त करवायें, अन्यथा अन्याय के कारण आंदोलन के उग्र होने पर चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर जाने का ेविवश होंगे। इस दौरान डॉक्टर दुष्यंत शर्मा, डॉक्टर नरेश खंडेलवाल, नीरज जैन, अनिल मिश्रा, डॉक्टर जतीन, डॉ. किरण, डॉक्टर हिमांशु, डॉक्ट मुकेश, डॉक्टर करन, डॉक्टर संतोष, गोपिका, डॉक्टर जेपी सहित करीब 1100 चिकित्सक, नर्सिंग यूनियन पदाधिकारी मौजूद थे।

जनता से अपील, डॉक्टर्स के साथ कंधे से कंधा मिलायें

आईएमए के उपाध्यक्ष डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने कहा कि एक भारत की बेटी की नृशंस हत्या कर दी गई और समाज अभी तक सो रहा है। उन्होंने कहा कि निर्भया हत्याकांड में समाज उद्देलित हो चुका था, लेकिन इस मामले में समाज मौन क्यूं है। इसलिये हमें आज, सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है। हम आज, भीलवाड़ावासियों की सेवा नहीं कर पा रहे हैं, इसका हमें भारी मन से दु:ख है। उन्होंने भीलवाड़ावासियों से अपील की है कि वे डॉक्टर्स की मांग को ध्यान में रखते हुये हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाये।

हड़ताल के चलते नहीं मिला ईलाज, भटकते रहे मरिज

कोलकाता कांड के विरोध में डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते आज सरकारी व निजी अस्पतालों में मरिजों को उपचार नहीं मिल पाया। ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवायें सुबह से ही ठप्प रही। ऐसे में मरिज इधर से उधर भटकते नजर आये। 

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