भीलवाड़ा हलचल । निजी स्लीपर बसों के खिलाफ परिवहन विभाग की सख्ती के बीच अब यह खुलासा हुआ है कि खुद सरकारी रोडवेज बसें भी नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। कई बसें बिना वैध टैक्स, फिटनेस और बीमा के यात्रियों की जान जोखिम में डालते हुए सड़कों पर दौड़ रही हैं।
भीलवाड़ा के जागरूक बस ओनर रमेश अग्रवाल वी विवेक सारस्वत ने बताया कि परिवहन विभाग निजी बस संचालकों के पीछे तो हाथ धोकर पड़ा है, लेकिन सरकारी बसों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने बताया कि —
आरजे 36 पीए 3545 (भीलवाड़ा रोडवेज डिपो) की रजिस्ट्रेशन तारीख 19 जून 1924 है। इस बस की टैक्स वैलिडिटी 30 जून 2024 को खत्म हो चुकी है, जबकि इंश्योरेंस 8 मई 2026 तक दिखाया गया है। इसका मतलब है कि टैक्स वैलिडिटी बीते चार महीने से खत्म हो चुकी है, बावजूद इसके बस सड़कों पर दौड़ रही है।
आरजे 03 केए 4793 (बांसवाड़ा परिवहन कार्यालय से पंजीकृत) का टैक्स 31 मई 2017 के बाद जमा नहीं हुआ है। इसका इंश्योरेंस भी नहीं है, जबकि फिटनेस 14 मार्च 2026 तक मान्य बताई गई है।
इसी तरह आरजे 06 पीए 4307 (भीलवाड़ा कार्यालय से पंजीकृत) का टैक्स 31 मार्च 2025 तक और इंश्योरेंस 1 अप्रैल 2025 तक ही वैध था। अब दोनों की अवधि समाप्त हो चुकी है।
इन बसों का लगातार संचालन यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर परिवहन विभाग सरकारी बसों की अनियमितताओं पर आंखें क्यों मूंदे हुए है?
अगर ऐसी किसी बस से हादसा होता है, तो यात्रियों को बीमा क्लेम के लिए भटकना पड़ सकता है।
अब बड़ा सवाल यह है — क्या नियम सिर्फ निजी बस संचालकों के लिए हैं या फिर सरकारी महकमे के लिए भी कुछ जवाबदेही तय होगी?
