ड्यूटी टाइम में निजी प्रैक्टिस पर सख्त सरकार — चिकित्सा मंत्री बोले, नियम तोड़ने वाले डॉक्टरों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Update: 2025-10-30 18:20 GMT

जयपुर  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने गुरुवार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अब किसी भी सरकारी चिकित्सक को ड्यूटी समय में निजी अस्पतालों या क्लीनिकों में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा में रहते हुए यदि कोई डॉक्टर ऐसा करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री खींवसर ने कहा कि जो चिकित्सक नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) का लाभ ले रहे हैं, उन्हें यह भलीभांति समझ लेना चाहिए कि निजी प्रैक्टिस करना पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है। सरकार ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी, चाहे वह किसी भी पद या संस्थान से जुड़े हों। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि राजकीय अस्पतालों में मरीजों को पूरी और समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सके।

उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय निरीक्षण टीमों को सक्रिय किया जाएगा और पूरे प्रदेश में सघन निगरानी अभियान चलाया जाएगा। जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे नियमित रूप से अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण करें।

मंत्री ने कहा कि कई बार शिकायतें मिलती हैं कि कुछ चिकित्सक सरकारी समय में निजी क्लीनिकों में काम करते हैं या मरीजों को सरकारी अस्पताल से निजी संस्थान की ओर रेफर करते हैं। यह न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है बल्कि आमजन के विश्वास के साथ भी धोखा है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले चिकित्सकों के खिलाफ निलंबन से लेकर सेवा समाप्ति तक की कार्रवाई की जा सकती है।

खींवसर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना है, और इसके लिए चिकित्सकों की पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी अपेक्षित है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाए और हर शिकायत का त्वरित संज्ञान लिया जाए।

स्वास्थ्य मंत्री की इस सख्त चेतावनी को प्रदेशभर के चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है कि सरकारी सेवा में रहते हुए निजी प्रैक्टिस अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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