भीलवाड़ा में देवउठनी एकादशी पर फिर गूंजेंगी शहनाइयां, मांगलिक भवनों में तैयारियां

Update: 2025-10-31 05:50 GMT


भीलवाड़ा हलचल। शहर और आसपास के इलाकों में एक बार फिर खुशियों और रौनक का माहौल बनने जा रहा है। देवउठनी एकादशी के अवसर पर 2 नवंबर से विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। चातुर्मास के समापन के साथ ही लोग शादी-ब्याह की तैयारियों में जुट गए हैं। दीपावली के बाद बाजारों में एक बार फिर चहल-पहल लौट आई है। जगह-जगह विवाह स्थलों की साफ-सफाई और सजावट का काम तेज हो गया है।

मान्यता है कि भगवान विष्णु देवशयन एकादशी से देवउठनी एकादशी तक योगनिद्रा में रहते हैं। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। जैसे ही देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जाग्रत होते हैं, वैसे ही शुभ कार्यों का आरंभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी तुलसी का विवाह होता है, जिसे तुलसी विवाह कहा जाता है। इसके साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत का शुभ समय शुरू हो जाता है।

शहर में बढ़ी खरीदारी की रौनक



देवउठनी एकादशी से पहले ही बाजारों में जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है। रेडीमेड वस्त्र, लहंगा-चुनरी, आभूषण, उपहार सामग्री, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम और सजावट के सामान की दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है। महिलाएं शादी-ब्याह के लिए लहंगे, साड़ियां और जेवर खरीद रही हैं, तो पुरुष सूट और पारंपरिक परिधान की खरीद में व्यस्त हैं। ब्यूटी पार्लर, मेहंदी आर्टिस्ट और डीजे बुकिंग करने वालों के पास ऑर्डर की भरमार है।

विवाह स्थलों की तैयारियां जोरों पर

शहर के विवाह स्थल, होटल और कम्युनिटी हॉल फिर से गुलजार होने लगे हैं। शादी समारोहों को लेकर साफ-सफाई, पेंटिंग और लाइटिंग का काम जारी है। आयोजकों के अनुसार इस बार नवंबर और दिसंबर में बड़ी संख्या में विवाह होने वाले हैं। कई परिवारों ने पहले से ही अपने कार्यक्रमों के लिए एडवांस बुकिंग कर रखी है।

कैटरर्स, टेंट हाउस और बैंड वालों के पास भी काम का दबाव बढ़ गया है। शहर के प्रमुख टेंट हाउस संचालक बताते हैं कि इस बार शादियों के मुहूर्त सीमित हैं, इसलिए सभी को जल्दी बुकिंग करनी पड़ी। सजावट के साथ-साथ खानपान की तैयारियां भी जोरों पर हैं।

नवंबर-दिसंबर में रहेंगे शुभ विवाह मुहूर्त

2 नवंबर से विवाह का शुभ समय शुरू होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवंबर में लगभग 10 से 11 शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें बड़ी संख्या में विवाह संपन्न होंगे। इसके बाद दिसंबर में चार प्रमुख विवाह मुहूर्त रहेंगे। 11 दिसंबर के बाद 15 दिसंबर से मलमास (खरमास) प्रारंभ होगा, जो 14 जनवरी तक चलेगा। इस अवधि में कोई विवाह या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता।

इसके अलावा 12 दिसंबर को शुक्र अस्त हो जाएगा, जो 1 फरवरी को उदय होगा। इसलिए इस बीच विवाह के अधिक मुहूर्त नहीं रहेंगे। हालांकि 23 जनवरी को बसंत पंचमी पर अबूझ सावा रहेगा, जिसमें अनेक लोग विवाह जैसे शुभ कार्य करेंगे।

एडवांस बुकिंग का दौर

विवाह सीजन को देखते हुए शहर और गांवों में जिन घरों में शादी या मांगलिक कार्यक्रम होने हैं, उन्होंने पहले से ही एडवांस बुकिंग कर ली है। होटल, गार्डन, कैटरर्स, बैंड, डीजे, फोटोग्राफर और मेकअप आर्टिस्ट के पास बुकिंग पूरी हो चुकी है। जिन स्थलों पर शादी के आयोजन होने हैं, वहां रंग-रोगन और सजावट का काम चल रहा है।

बाजारों में भी व्यापारी काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि दीपावली के बाद एक बार फिर व्यापार में तेजी आई है। आभूषण, कपड़े, गिफ्ट और बर्तन के कारोबारियों को उम्मीद है कि देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाले विवाह सीजन में बिक्री अपने चरम पर पहुंचेगी।

पंडितों और ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार विवाह के लिए ग्रह-नक्षत्रों का उत्तम योग बन रहा है। देवउठनी एकादशी से शुरू होकर 11 दिसंबर तक का समय अत्यंत शुभ रहेगा। इस अवधि में गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, वाहन खरीद और नए कार्यारंभ के लिए भी अच्छा समय माना गया है।

भीलवाड़ा और आसपास के इलाकों में 2 नवंबर से एक बार फिर उत्सव का माहौल बनेगा। हर ओर शहनाइयों की गूंज और मांगलिक आयोजनों की तैयारी लोगों के चेहरों पर मुस्कान लेकर आएगी। देवउठनी एकादशी के साथ ही ठंड की शुरुआत और विवाहों की गर्माहट मिलकर शहर को खुशियों से भर देंगी।

Similar News