ट्रंप का टैरिफ लागू:: आर्थिक जंग शुरू , बढ़ेगी महंगाई; दुनिया पर पड़ेगा असर

Update: 2025-03-05 02:32 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कनाडा, मेक्सिको और चीन पर लगाया गया आयात शुल्क मंगलवार से लागू होने के साथ ही दुनिया में नया व्यापार युद्ध शुरू हो गया है। ट्रंप ने जहां कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया, वहीं चीन के उत्पादों पर यह 20 फीसदी है। अमेरिकी टैरिफ के जवाब में कनाडाई पीएम जस्टिन त्रूदो ने भी 30 अरब कनाडाई डॉलर मूल्य की अमेरिकी वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया। त्रूदो ने कहा कि आयात शुल्क मूर्खतापूर्ण काम है और कनाडा इसे डब्ल्यूटीओ में चुनौती देगा।



 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए चिकन, पोर्क, सोया व बीफ समेत कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। चीन ने अमेरिका से आने वाले सोयाबीन, समुद्री आहार, फल, सब्जियों व डेयरी उत्पादों पर अतिरिक्त 10 फीसदी शुल्क लगाया है। कनाडा का शुल्क तत्काल लागू हो गया, जबकि चीन का शुल्क 10 मार्च से लागू होगा। चीन ने 10 अमेरिकी फर्मों को गैर-भरोसेमंद सूची में जोड़ने का फैसला किया है। इनमें रक्षा-सुरक्षा से जुड़ी कंपनियों के अलावा एआई, विमानन, आईटी व दोहरे उपयोग वाली वस्तुएं भी हैं। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम जवाबी कार्रवाई का एलान रविवार को करेंगी। हालांकि, मेक्सिको सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह भी जवाबी शुल्क लगाएगी।

पूरी दुनिया पर असर, महंगाई बढ़ेगी

अमेरिका के साथ तीन देशों के इस टैरिफ युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ना तय है। वैश्विक जीडीपी में इन चार देशों की हिस्सेदारी कुल 48.1 फीसदी है। अकेले अमेरिका की हिस्सेदारी विश्व जीडीपी में 26 फीसदी, जबकि चीन की 19 फीसदी है। इन दोनों के मुकाबले मेक्सिको (1.9 फीसदी) व कनाडा (1.2 फीसदी) की स्थिति कमजोर है। इस व्यापार युद्ध से दुनिया में महंगाई तेजी से बढ़ने की आशंका गहरा गई है। मुद्रास्फीति बढ़ने और विकास में बाधा पैदा होने के संकेत पहले ही मिलने शुरू हो चुके हैं।

चीन ने बातचीत के दरवाजे खुले रखते हुए भी विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, हमने चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क वृद्धि पर डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान तंत्र के तहत अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की है। अमेरिका के एकतरफा आयात शुल्क से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली कमजोर होगी। इस टैरिफ युद्ध से दुनिया इसलिए चिंतित है क्योंकि कुल वैश्विक व्यापार का 15 फीसदी अमेरिका व चीन के बीच होता है। दोनों देशों के बीच 2023 में 575 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।

संभावना...भारतीय उत्पादों का बढ़ेगा निर्यात, प्रतिस्पर्धा में मदद

टैरिफ युद्ध से अमेरिकी बाजारों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है, यह कृषि, इंजीनियरिंग, मशीन टूल्स, परिधान, कपड़ा, रसायन और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने का अवसर है। भारत को कीमतों के मोर्चे पर चीन, मेक्सिको व कनाडा से प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिलेगी।

Similar News