यूजर चार्ज के विरोध में भीलवाड़ा मंडी में दूसरे दिन भी रहा सन्नाटा, व्यापारी जयपुर में करेंगे वार्ता
भीलवाड़ा। राज्य सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में कृषि उपज व खाद्य उत्पादों पर 50 पैसे प्रति सैकड़ा यूजर चार्ज लगाने के निर्णय के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी यार्ड और होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन के व्यापारियों ने आज लगातार दूसरे दिन भी कारोबार बंद रखा, जिससे मंडी परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा।
व्यापारी प्रतिनिधियों का एक दल आज जयपुर में होने वाली बैठक में शामिल होने गया है, जहां सरकार के साथ प्रस्तावित वार्ता के बाद आगामी रणनीति तय की जाएगी। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि यह यूजर चार्ज केवल मंडी परिसर के व्यापारियों पर लागू किया गया है, जबकि मंडी के बाहर व्यापार करने वालों को इससे छूट दी गई है। इससे मंडी के अंदर के व्यापारी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं और उन्हें मजबूरी में मंडी छोड़नी पड़ सकती है।
व्यापारियों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यूजर चार्ज वापस नहीं लिया, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि यह शुल्क न केवल व्यापारियों पर बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं पर भी सीधा असर डालेगा। मंडी खाली होने पर किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिलना बंद हो जाएगा। इससे बिना बिल के लेन-देन में भी वृद्धि की आशंका जताई जा रही है, जिससे सरकार को मंडी शुल्क और जीएसटी में राजस्व का नुकसान होगा।
व्यापारियों ने कहा कि वर्तमान में व्यापार में लाभ की दर केवल 1 प्रतिशत तक रह गई है, जबकि उन्हें स्टाफ, बिजली, फोन और बैंक कैश क्रेडिट पर ब्याज जैसे कई खर्च उठाने पड़ते हैं। ऐसे में 50 पैसे प्रति सैकड़ा का यूजर चार्ज मुनाफे को पूरी तरह समाप्त कर देगा। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की जीएसटी सरलीकरण नीति के भी विपरीत बताया।
भीलवाड़ा से शुरू हुआ यह विरोध अब राज्यव्यापी आंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है। व्यापारियों ने दोहराया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे मंडी छोड़ने को मजबूर होंगे और इसका व्यापक असर पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
