नोट दिखा कर भिखारी से लूट ली १३ हजार की नगदी,, बेटे की फीस के लिए की थी जमा
श्रीगंगानगर। बालाजी मंदिर के सामने शुक्रवार शाम लगभग 4:30 बजे एक घटना ने लोगों के दिलों को झकझोर दिया। बुजुर्ग दिव्यांग भिखारी बनारसीदास, जो अपने बेटे की पढ़ाई के लिए भिक्षा में इकट्ठा किए गए 13 हजार रुपए लेकर बैठे थे, मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों के शिकार बन गए।
बनारसीदास ने बताया कि वह अपने बेटे की फीस जमा करने के लिए यह पैसे लेकर आया था। जैसे ही उसने कुछ रुपए अपनी जेब में रखे, युवकों ने झपट्टा मारकर पूरी रकम छीन ली और तेज़ी से मोटरसाइकिल दौड़ाकर फरार हो गए। दिव्यांग होने के बावजूद बनारसीदास उनके पीछे दौड़ा, लेकिन उनकी तेज़ी के सामने वह असफल रहा।
स्थानीय लोग घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बदमाश गायब हो चुके थे। यह लूट न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि एक पिता की मेहनत और बेटे की शिक्षा पर सीधे असर डालने वाली घटना बन गई है।
पुलिस ने बताया कि मंदिर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी वारदात कैद हुई है। फुटेज में दोनों बदमाश साफ दिखाई दे रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है और जल्द ही उन्हें पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।
बनारसीदास के बेटे की पढ़ाई और परिवार की स्थिति ने इस घटना को और मार्मिक बना दिया है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि एक दिव्यांग बुजुर्ग से इस तरह पैसे छीनना मानवता के लिए शर्मनाक है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।
यह घटना सिर्फ एक लूट नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में सुरक्षा, न्याय और बच्चों के भविष्य से जुड़े सवाल खड़े करती है। बनारसीदास की कहानी यह याद दिलाती है कि कितनी कमजोर परिस्थितियों में भी माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष करते हैं, और कभी-कभी उनका प्रयास अन्य लोगों की निर्दयता का शिकार बन जाता है।
