लुधियाना में फर्जी पुलिस रेड का भंडाफोड़, कारोबारियों से 10 करोड़ की वसूली की कोशिश

Update: 2025-09-24 17:32 GMT


लुधियाना। पंजाब के लुधियाना में पुलिस की वर्दी का गलत इस्तेमाल कर फर्जी रेड और वसूली का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि एक एएसआई, हेड कॉन्स्टेबल और एक नेता ने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर नोएडा स्थित कॉल सेंटर पर फर्जी छापेमारी की। इस दौरान कारोबारियों को अगवा कर करोड़ों की फिरौती मांगी गई।

जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट व्यक्ति को डीआईजी, एएसआई को एसपी और हेड कॉन्स्टेबल को डीएसपी बनाकर रेड की कहानी रची गई। आरोपियों ने गुजरात और तमिलनाडु के तीन कारोबारियों को अगवा कर लुधियाना लाकर ढाबे में बंधक बना लिया और रिहाई के बदले 10 करोड़ रुपये की मांग की। बाद में रकम घटाकर 5 करोड़ और फिर 70 लाख पर “सेटलमेंट” का दबाव बनाया गया।

पीड़ित कारोबारी तरुण अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उनके मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामान जब्त कर लिया। साथ ही उनके अकाउंट से क्रिप्टोकरेंसी USDT और गिफ्ट कार्ड भी जबरन ट्रांसफर कराए। विरोध करने पर मारपीट और धमकाया गया।

मामला तब उजागर हुआ जब आरोपियों ने पीड़ितों को खन्ना साइबर थाने में फर्जी केस दर्ज करवाने के लिए लाया। थाने के इंचार्ज एसआई नरपिंदर पाल सिंह की पूछताछ में पीड़ितों ने सच्चाई बताई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की। इसी दौरान एएसआई और हेड कॉन्स्टेबल ने गुनाह कबूल कर लिया।

इस प्रकरण में एक आरोपी का नाम लुधियाना की आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक से जोड़ा जा रहा है। हालांकि विधायक ने सफाई दी कि आरोपी सिर्फ “आने-जाने वाला व्यक्ति था, उससे कोई नजदीकी संबंध नहीं।”

पुलिस ने मामले में किडनैपिंग, वसूली, धोखाधड़ी और साइबर क्राइम की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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