आनंदपाल सिंह का 'टॉर्चर हाउस ध्वस्त

Update: 2025-10-16 05:11 GMT

डीडवाना। कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस को बुधवार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी से कार्रवाई शुरू हुई, लेकिन पूरी दिन भर की कोशिश के बावजूद भवन का आधा ही गिर पाया। अधिकारियों का कहना है कि इसे पूरी तरह जमींदोज करने में करीब 24 घंटे और लगेंगे। आठ बीघा जमीन में बने इस फार्महाउस को 2016 में आनंदपाल की फरारी के दौरान कुर्क कर राजकीय संपत्ति घोषित किया गया था। वर्तमान में इस भूमि पर राजकीय बालिका महाविद्यालय संचालित है।




 

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि आनंदपाल ने निंबी जोधा रोड के पास इस फार्महाउस में टॉर्चर रूम तैयार कर रखा था। यहां वह विरोधियों और फिरौती के लिए अगवा किए गए लोगों को यातनाएं देता था। भवन किले जैसा था, दीवारों में छेद बनाए गए थे जिससे बाहर की ओर गोलीबारी की जा सकती थी। कॉलेज की छात्राओं के लिए यह भवन डर का कारण बन चुका था, इसलिए प्रशासन ने इसे हटाने का निर्णय लिया। कार्रवाई में कई वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के पदाधिकारी शामिल रहे।

हालांकि, भूमि को लेकर कोर्ट में विवाद जारी है। सांवराद निवासी दलित सीतादेवी ने दावा किया है कि यह उनकी खातेदारी में है और उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। कुछ स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि प्रशासन ने यह कदम हाल ही में कुचामन हत्याकांड में हुई नाकामी और जनता के गुस्से से ध्यान भटकाने के लिए उठाया।डीडवाना में लाडनू से 3 किलोमीटर दूर स्थित यह मकान सालों तक आनंदपाल के आंतक का गवाह रही है. इस फार्म हाउस को आनंदपाल सिंह ने इसलिए बनवाया था, ताकि पुलिस से बचने के लिए वह यहां आकर सुरक्षित रहकर समय गुजार सके. बाद में इस फार्म हाउस में उन लोगों को लाया जाने लगा, जिसे आनंदपाल गैंग किडनैप किया करते थे.

बंधकों को जानवर की तरह किया जाता था कैद

इस मकान में बंधकों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता था. इसके तहखाने में एक पिंजरा भी था, जिसमें बंधकों को जानवर की तरह कैद कर दिया जाता था. तहखाने का हाल काल कोठरियों जैसा था, जहां आनंदपाल सिंह के गुर्गे बंधकों को प्रताड़ना देते थे और फिर फिरौती लेकर उन्हें छोड़ते थे

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