पिता ने बेटे की हत्या के बाद खुद को गंभीर रूप से घायल किया, पूरे क्षेत्र में मातम
खैरथल जिले के तिजारा कस्बे में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को सन्न कर दिया। रामनगर गांव में रहने वाले दो वर्षीय मासूम अरहान की हत्या के बाद उसके पिता शाजिद ने खुद को गंभीर रूप से घायल कर लिया। घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे गांव और आसपास के लोगों को स्तब्ध कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाजिद गुस्सैल और हिंसक स्वभाव का व्यक्ति था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसने गुस्से में आकर अपने दो वर्षीय बेटे अरहान को कमरे में बंद कर दिया और उसके सिर को कई बार दीवार से मारकर हत्या कर दी। इस निर्मम कृत्य के बाद शाजिद ने कुल्हाड़ी से खुद पर वार कर गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। फोरेंसिक टीम (एफएसएल) को भी बुलाया गया है, ताकि पूरी तरह से तथ्य सामने आ सकें।
सूचना मिलते ही पुलिस ने घायल शाजिद को तुरंत स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे जयपुर के बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। फिलहाल उसका उपचार जारी है। पुलिस का कहना है कि शाजिद की पूछताछ तब ही की जा सकेगी, जब उसकी स्थिति सामान्य होगी, ताकि हत्या के पीछे की असली वजह स्पष्ट हो सके।
गांव के लोगों और पड़ोसियों ने बताया कि शाजिद का स्वभाव पहले से ही उग्र था। वह मामूली बातों पर भी हिंसक हो जाता था और कुछ समय पहले उसने एक व्यक्ति को मामूली कहासुनी के चलते गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके हिंसक व्यवहार के कारण परिवारजन और पड़ोसी उससे दूरी बनाए रखते थे।
मासूम अरहान की दर्दनाक मौत ने पूरे गांव में शोक और डर का माहौल पैदा कर दिया है। लोग यह सोचकर भी हैरान हैं कि एक पिता अपने ही बच्चे की इतनी बेरहमी से जान कैसे ले सकता है। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस के साथ सहयोग किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच पूरी गंभीरता से जारी रखी है।
थानाधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि जांच में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है। कमरे की स्थिति, शाजिद के मानसिक और भावनात्मक हालात, और परिवारिक पृष्ठभूमि समेत सभी तथ्य सामने आएंगे। पुलिस ने कहा कि मामले में कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी और दोषी को कानून के तहत सजा दिलाई जाएगी।
इस त्रासदी ने पूरे तिजारा और आसपास के गांवों में चिंता की लहर फैला दी है। लोग यह सोच रहे हैं कि ऐसे हिंसक स्वभाव वाले व्यक्ति को परिवार और समाज में कैसे नियंत्रित किया जा सकता था। घटना की भयावहता ने सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को फिर से उजागर कर दिया है।
