युवक की हत्या, बीमा की रकम हड़पने के लिए मां ने प्रेमी और उसके भाई संग रची साजिश
कानपुर देहात।
बीमा की रकम हड़पने के लिए युवक की हत्या उसकी अपनी मां ने प्रेमी और उसके भाई के साथ मिलकर करवाई। दोनों आरोपितों ने युवक को खाना खिलाने के बहाने घर से बुलाया और कार में बैठाकर ले गए। रास्ते में हथौड़े से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी और शव को कानपुर-इटावा हाईवे पर फेंक दिया। किसी वाहन से शव कुचल जाने के बाद हत्या को सड़क हादसे का रूप देने की कोशिश की गई।
बरौर थाने की पुलिस ने मुठभेड़ में एक बदमाश ऋषि कटियार को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया, जबकि उसका भाई मयंक उर्फ ईशू कटियार रायरामापुर गांव के पास से पकड़ा गया। दोनों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल हथौड़ा बरामद किया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक प्रदीप उर्फ सुक्खा आंध्र प्रदेश में बताशे का ठेला लगाता था। उसके पिता की मौत के बाद मां ममता के प्रेम संबंध गांव के ही मयंक कटियार से हो गए थे। प्रदीप को जब इस बात का पता चला, तो वह दादा-दादी और चाचा के साथ अलग रहने लगा।
ममता ने अपने प्रेमी और उसके भाई के साथ मिलकर साजिश रची और प्रदीप के नाम से कई बीमा पॉलिसियां कराईं, जिनकी रकम उसकी मौत के बाद मां को मिलनी थी। दीपावली पर घर लौटने की सूचना मिलने पर 26 अक्टूबर की रात उसे खाने के बहाने बुलाया गया और कार में ही हथौड़े से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद शव हाईवे पर फेंक दिया गया।
सीओ राजीव सिरोही के अनुसार, बरौर पुलिस को तड़के गश्त के दौरान कार सवार संदिग्ध दिखा। रोकने पर उसने फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वह घायल हो गया। उसके पास से तमंचा और कारतूस बरामद हुआ।
एसओ अमिता वर्मा ने बताया कि मां ममता की तलाश जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि बीमा की कुल रकम कितनी थी। ऋषि कटियार के खिलाफ झांसी और बरौर में चोरी, गैंगस्टर और शस्त्र अधिनियम के मामले पहले से दर्ज हैं।
प्रदीप का शव 26 अक्टूबर की रात मुंगीसापुर के पास हाईवे किनारे मिला था। पहले इसे सड़क हादसा माना गया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के बाद हत्या की पुष्टि हुई। बाबा जगदीश नारायण की तहरीर पर दोनों भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
