बीकानेर में नकल कांड का भंडाफोड़: ब्लूटूथ गैंग की मंजू कुमारी धर दबोची, 8वाँ शिकार!
बीकानेर में सुपरवाइजर (महिला अधिकारिता) भर्ती परीक्षा 2018 में ब्लूटूथ के जरिए नकल का गोरखधंधा चलाने वाले गिरोह की एक और कड़ी टूटी। जयपुर की विशेष कार्य बल (SOG) ने बुधवार को बीकानेर की मंजू कुमारी बिश्नोई को धर दबोचा। नकल के इस खेल ने नौकरी पाने की होड़ को धोखे की आग में झोंक दिया था, और अब मंजू से जयपुर SOG मुख्यालय में कड़ाई से पूछताछ होगी।
नकल का जाल:
मंजू कुमारी, पत्नी प्रेमरतन बिश्नोई, जो वर्तमान में बज्जू (बीकानेर) में सुपरवाइजर के पद पर तैनात थी, ने 2018 की भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए प्रश्नपत्र हल करवाए। SOG की जाँच में खुलासा हुआ कि मंजू ने नकल गैंग के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया, जिसके दम पर वह परीक्षा पास कर नौकरी हथिया सकी। जाँच में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वालों की लिस्ट बनी, जिसमें मंजू का नाम भी उछला। बुधवार को SOG की टीम ने बीकानेर के मुक्ता प्रसाद नगर में छापा मारकर मंजू को हिरासत में लिया और अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया।
SOG की तारीफ, गैंग पर नकेल:
SOG ने इस कार्रवाई में बीकानेर SP कावेंद्र सिंह सागर, थानाधिकारी विजेन्द्र कुमार सिला, ASI हनुमान सिंह और महिला कॉन्स्टेबल संजू की मुस्तैदी की जमकर सराहना की। यह गिरोह अब तक 8 शातिरों को जेल की सलाखों के पीछे भेज चुका है, और मंजू से पूछताछ में नकल गैंग के और बड़े खुलासों की उम्मीद है।
क्या है मामला?:
2018 की सुपरवाइजर (महिला अधिकारिता) भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल का यह खेल न सिर्फ परीक्षा की पारदर्शिता को दागदार कर गया, बल्कि मेहनती उम्मीदवारों के हक पर भी डाका डाला। SOG अब इस गैंग के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है। क्या मंजू की पूछताछ से नकल माफिया का काला चिट्ठा खुलेगा, या यह सिलसिला और गहरा होगा?