मिट्टी सुधरी, खेती निखरी – एक किसान की सफलता की कहानी
चित्तौड़गढ़ । पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के तहत बुधवार को आयोजित बहुविभागीय शिविर के दौरान ग्राम पंचायत बोरदा में कृषि विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई। जिला कलक्टर आलोक रंजन द्वारा कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए, जिससे कई किसानों को अपनी भूमि की गुणवत्ता और सुधार के उपायों की स्पष्ट जानकारी प्राप्त हुई।
ग्राम बोरदा के कृषक रतनलाल/नानालाल मीणा की भूमि की उत्पादकता पिछले कुछ वर्षों से लगातार घट रही थी। खेत की मिट्टी की स्थिति खराब होने के कारण उन्हें फसल उत्पादन में निरंतर नुकसान हो रहा था। जब उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त हुआ तो उन्होंने तुरंत कृषि विभाग से संपर्क कर मृदा की वैज्ञानिक जांच करवाई।
मृदा परीक्षण रिपोर्ट में भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, असंतुलित pH स्तर, कम जैविक कार्बन और घटती जलधारण क्षमता जैसे प्रमुख कारण सामने आए। कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार श्री मीणा ने फसल के अनुकूल जैविक खाद, संतुलित उर्वरकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों का समुचित प्रयोग शुरू किया।
कुछ ही समय में इसके प्रभाव दिखने लगे खेत की मिट्टी की संरचना में उल्लेखनीय सुधार हुआ, जलधारण क्षमता बढ़ी, जीवांश की मात्रा में वृद्धि हुई और सबसे अहम, उत्पादन में स्पष्ट वृद्धि हुई जबकि लागत में कमी आई।
इस परिवर्तन ने न सिर्फ श्री मीणा की खेती को नई दिशा दी, बल्कि अन्य कृषकों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनी। यदि तकनीक और सरकारी योजनाओं का समुचित उपयोग किया जाए, तो परिश्रम का फल निश्चित रूप से मिलता है।