चित्तौड़गढ़: प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत, डॉक्टर की गैरमौजूदगी पर हंगामा – 4.25 लाख मुआवजे पर हुआ समझौता
चित्तौड़गढ़ हलचल। शहर के प्रतापनगर स्थित राजस्थान हॉस्पिटल में गुरुवार रात एक प्रसूता महिला की मौत हो गई। नवजात की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर की गैरमौजूदगी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद ₹4 लाख 25 हजार रुपए के मुआवजे पर समझौता कराया गया।
📍 घटना का विवरण
गणेशपुरा निवासी नंदू (30) पत्नी भरत पुरी को 21 अक्टूबर को शरीर में सूजन की शिकायत पर राजस्थान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
अगले दिन डॉक्टर ने उसे ठीक बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन उसी रात तबीयत फिर बिगड़ गई, तो परिजन उसे दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे।
गुरुवार को नंदू का ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा था। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने डिलीवरी कराई, जिसके लगभग 15 मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई।
⚠️ परिजनों का आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के दौरान कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, केवल नर्सिंग स्टाफ ने केस संभाला, जो स्थिति पर काबू नहीं पा सके। उनका कहना है कि अगर डॉक्टर समय पर पहुंच जाता, तो नंदू की जान बचाई जा सकती थी।
नवजात शिशु की हालत फिलहाल गंभीर है और वेंटिलेटर पर रखा गया है।
🗣️ डॉक्टर का पक्ष
डॉक्टर का कहना है कि महिला की हालत पहले से ही गंभीर थी, और अस्पताल ने पूरी कोशिश की। मौत के लिए लापरवाही का आरोप गलत है।
👮 हंगामा और समझौता
शुक्रवार सुबह मृतका के परिजन और समाजजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर नारेबाजी की। दोपहर तक हंगामा जारी रहा। बाद में पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप से ₹4.25 लाख मुआवजे पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
अस्पताल के बाहर भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
