दो युवकों की डूबने से मौत

जालोर जिले में शुक्रवार को दो परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं, जब आंध्र प्रदेश में डूबकर मारे गए दो युवकों के शव गांव पहुंचे। इनमें से एक युवक की पत्नी छह महीने की गर्भवती है और आज उसकी गोद भराई की रस्म होनी थी। लेकिन रस्म से पहले घर में उसके पति की लाश पहुंच गई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
आहोर क्षेत्र के देवकी गांव निवासी भगवत सिंह पुत्र प्रताप सिंह पिछले पांच वर्षों से आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के कल्याण दुर्गम में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर काम कर रहा था। मंगलवार को वह एक फार्म पोंड में डूब गया। उसकी शादी पिछले वर्ष हुई थी और पत्नी रेखा कंवर फिलहाल छह माह की गर्भवती है। शुक्रवार 11 जुलाई को उसकी गोद भराई की रस्म रखी गई थी। ससुराल में इस अवसर के लिए नए कपड़े तक सिलवाए गए थे, लेकिन बुधवार को खबर आई कि भगवत की डूबने से मौत हो गई है।
दोस्ती में मौत के मुंह में कूदा दूसरा युवक
भगवत के साथ उसका जिगरी दोस्त जालाराम देवासी (22) भी डूब गया। वह जालोर जिले के रामसीन थाना क्षेत्र के सुमेरगढ़ खेड़ा गांव का रहने वाला था और अनंतपुर में अपने जीजा की हार्डवेयर की दुकान पर काम करता था। भगवत और जालाराम दोनों की दुकानें पास थीं और छुट्टी मिलने पर वे अपने तीसरे साथी सुरेश (गागावाड़ा निवासी) के साथ एक क्लाइंट के फार्महाउस पर घूमने गए थे।
फार्म पर पपीते खाने के बाद वे तालाब के पास हाथ धोने पहुंचे, तभी भगवत का पैर फिसल गया और वह डूबने लगा। दोस्त को डूबता देख जालाराम उसे बचाने के लिए कूद पड़ा, लेकिन दोनों पानी में समा गए। तीसरा साथी सुरेश मदद के लिए दौड़ा, मगर तब तक देर हो चुकी थी। डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के शव निकाले जा सके।
गुरुवार को हुआ अंतिम संस्कार
दोनों युवकों के शव बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद रवाना किए गए और गुरुवार शाम जालोर पहुंचे। भगवत का शव जब गांव पहुंचा तो घर के बाहर चीख-पुकार मच गई। शव पहुंचते ही पत्नी रेखा बेहोश हो गई। शाम सात बजे अंतिम संस्कार किया गया। भगवत सिंह तीन बहनों का इकलौता भाई था और पिता प्रताप सिंह मुंबई में कपड़ों की दुकान पर काम करते हैं। वहीं जालाराम अपने परिवार का सबसे छोटा बेटा था, जिसके पिता और भाई हरियाणा में पशुपालन का काम करते हैं। 20 दिन पहले वह जालोर आया था, लेकिन आंध्र की नौकरी उसे भा गई थी, इसलिए दो दिन बाद लौट गया था।