साहित्य

हमारी झोंपड़िया में
हर दिन को आख़िरी मानकर ‘बड़ा काम’ करें, स्टीव जॉब्स हो जाएं!
दुनियाँ इसे दीपावली कहती*
एक दीपक तुम जलाओ, एक दीपक हम जलाएं
आज़ाद हैं
त्योहार मनाते हैं
मेरे देश की शान तिरंगा
रक्षाबंधन-रिश्तों का चन्दन
हम देखेंगे
जाड़ कहति बा :