दिव्यांग सारथी अभियान: मिशन मोड पर अंतिम छोर तक बैठे दिव्यांग को अधिकतम योजनाओं से जोड़ेगा प्रशासन

Update: 2025-05-14 13:49 GMT
दिव्यांग सारथी अभियान: मिशन मोड पर अंतिम छोर तक बैठे दिव्यांग को अधिकतम योजनाओं से जोड़ेगा प्रशासन
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राजसमंद( राव दिलीप सिंह परिहार) ! दिव्यांगजनों को सरकार की विभिन्न योजनाओं और जनसहभागिता से अधिकतम रूप से लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कलक्टर  बालमुकुंद असावा के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा ‘दिव्यांग सारथी अभियान’ की शुरुआत की गई है जिसके तहत सभी विभागों के सहयोग से जिले में अंतिम छोर तक बैठे वंचित एवं जरूरतमंद दिव्यांग को योजनाओं से अधिकतम लाभान्वित किया जाएगा। अभियान का नोडल विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।

अभियान को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलक्टर ने विस्तृत दिशा-निर्देश दिए और समन्वित कार्य योजना बनाकर तीव्र गति से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम नरेश बुनकर, सीईओ जिला परिषद बृजमोहन बैरवा, राजसमंद एसडीएम बृजेश गुप्ता, नाथद्वारा एसडीएम रक्षा पारीक, सहायक निदेशक लोक सेवाएं लतिका पालीवाल, नगर परिषद राजसमंद आयुक्त बृजेश राय, नाथद्वारा नगर पालिका आयुक्त सौरभ जिंदल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह, लीड बैंक प्रबंधक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में अभियान के नोडल प्रभारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह ने वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 प्रस्तुत की। समीक्षा के दौरान कलक्टर ने निर्देश दिए कि दिव्यांग सारथी अभियान के तहत दिव्यांगजनों को समग्र रूप से यानि उनके स्वरोजगार, सहायता उपकरण, ऋण, पात्रता अनुसार समस्त योजनाओं में लाभान्वित करना, पात्र दिव्यांगजन को प्रमाण पत्र शीघ्र से शीघ्र तैयार करके देना और जिले में दिव्यांगजन के प्रति एक सकारात्मक वातावरण तैयार करने की दिशा में सभी विभागों द्वारा समन्वित ढंग से कार्य किया जाए।

कलक्टर ने कहा कि अभियान के तहत दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर तथा अन्य पात्र दिव्यांगजनों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार ऋण योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ प्राथमिकता से दिलाया जाए। उन्होंने दिव्यांगजनों को नवीन प्रमाण-पत्र जारी करने, छात्र-छात्राओं को सहायक अंग उपकरण उपलब्ध कराने तथा बीपीएल और पालनहार श्रेणी के लाभार्थियों को योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को गति देने के निर्देश दिए।

बैठक में कलक्टर ने निर्देश दिए कि महिला एवं बाल विकास विभाग डोर-टू-डोर सर्वे कर ऐसे दिव्यांगजन या बच्चे जो अभी तक प्रमाण-पत्र से वंचित हैं, उन्हें चिन्हित कर ई-मित्र के माध्यम से यूडीआईडी कार्ड के लिए आवेदन करवाएं। शिक्षा विभाग को विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र-छात्राओं की आवश्यकता के अनुसार सहायक उपकरणों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराने और वितरण दिवस पर उन्हें कार्यक्रम स्थल तक लाने व वापस ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।

बैंकों की भूमिका पर बल देते हुए कलक्टर ने अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देश दिए कि विभिन्न बैंकों के माध्यम से प्राप्त मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार ऋण योजना के आवेदनों को शीघ्र निस्तारित किया जाए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेमंत बिंदल को मेडिकल बोर्ड के माध्यम से अधिकाधिक यूडीआईडी कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग को आखा तीज और पीपल पूर्णिमा पर होने वाले विवाहों के अवसर पर पात्र परिवारों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आवेदन हेतु प्रोत्साहित करने और ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करवाने के निर्देश दिए गए।

कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन छात्रावास अधीक्षकों से दिव्यांगजनों के स्वरोजगार हेतु बैंकों में जमा फॉर्म की समीक्षा कर शीघ्र ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही सीएमएचओ को आगामी 10 दिनों में मिशन मोड में 1000 से अधिक दिव्यांग प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश दिए। सीडीईओ को सभी विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों का सर्वे करने और जिनके प्रमाण-पत्र नहीं बने हैं, उन्हें बनवाने के निर्देश दिए।

कलक्टर  असावा ने स्पष्ट रूप से कहा कि दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ा जाए तथा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ उन्हें प्राथमिकता से दिलाया जाए। एलडीएम को निर्देशित किया गया कि सभी बैंक दिव्यांगजनों के आवेदनों पर संवेदनशीलता के साथ विचार करें और उनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें। सभी अधिकारियों ने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए तत्पर रहेंगे एवं सौंपे गए लक्ष्य समयबद्ध रूप से पूर्ण करेंगे। 

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