हीट वेव एवं मौसमी बीमारीयों को लेकर सर्तकता बरते - सीएमएचओ
राजसमंद (राव दिलीप सिंह परिहार)सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने हीट वेव एवं मौसमी बीमारीयों को लेकर सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों एवं चिकित्सा संस्थान के प्रभारी अधिकारीयों को सर्तकर्ता बरतने के लिये निर्देशित किया है । उन्होंने फिल्ड में कार्यरत सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशा सहयोगिनीयों के माध्यम से गर्मी एवं बारीश के इस दौर में घर - घर संपर्क कर आमजन को मौसमी बीमारीयों एवं हीट वेव को लेकर बरती जाने वाली सावधानीयों को लेकर जागरूक करने के लिये निर्देशित किया है।
सीएमएचओं ने बताया कि हीट वेव के कारण लू से कोई भी व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। लेकिन बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाऐं धूप में व दोपहर में कार्यरत श्रमिक, यात्री, खिलाड़ी अधिक प्रभावित हो सकते है। लू व तापघात के कारण सिर का भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगना व शरीर का तापमान बढ़ना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना , अत्यधिक प्यास का लगना , बेहोश होना मुख्य लक्षण है।
लू तापघात से बचाव के लिये बच्चो, वृद्धो, गर्भवती महिलाओं, श्रमिको को विशेष ध्यान रखना चाहियें तथा सीधे धूप में निकलने से बचना चाहियें, धूप में कार्य करना आवश्यक है तो ताजा भोजन करके, थोड़ी - थोड़ी देर में ठंडे पानी व तरल पदार्थो का सेवन करने के साथ ही छायादार स्थानो पर रहना चाहियें।
उन्होंने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नरेगा साईट्स की विजिट करने तथा श्रमिको को लू तापघात से बचाव व उपचार की जानकारी देने के साथ ही हैल्थ स्क्रीनिंग के लिये निर्देशित किया है। लू - तापघात से उपचार के लिये प्रभावित व्यक्ति को तुरन्त छायादार ठंडे स्थान पर लिटाने, उसके शरीर को गीले कपड़े से स्पंज करने, रोगी होश में हो तो तुरंत ठंडा पानी पिलाने एवं तत्काल नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर पहुंचाना चाहिये।
उन्होंने बताया कि जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला एवं उपजिला चिकित्सालयो में लू - तापघात के उपचार के लिये आवश्यक सभी दवाईंयां, आरक्षित बेड्स के साथ ही समुचित प्रबंध सुनिश्चित किया गया है इसलिये रोगी को तत्काल नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर पहुंचाया जाना चाहियें। डेंगू, मलेरीया से बचाव के लिये घर के आस - पास ठहरे हुए पानी को तत्काल खाली करना चाहियें तथा घर में भी प्रति रविवार ड्राई डे आयोजित किया जाना चाहियें जिसमें पानी के सभी बर्तनो एवं साधनो को खाली करके सूखाना चाहियें जिससे मच्छरो के प्रजनन को रोका जा सके।