मातासुला में वाकलेश्वर मंडल ने करवाया यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन, 28 बटुकों का हुआ संस्कार

Update: 2025-06-08 10:54 GMT
मातासुला में वाकलेश्वर मंडल ने करवाया यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन, 28 बटुकों का हुआ संस्कार
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उदयपुर। उदयपुर जिले के मातासुला गांव में तीन दिवसीय नागदा, पुरोहित ब्राह्मण समाज का यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम रविवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन समाज के वाकलेश्वर मंडल द्वारा किया गया, जिसमें आचार्य किशन लाल आमेट व आचार्य पुष्कर लाल आमेटा ने 28 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार करवाया।

नाई के भवानीशंकर जोशी ने बताया कि सुबह 6 बजे से ग्रहशांति यज्ञ, यज्ञोपवीत धारण, मंडल सम्मेलन व प्रतिभावान सम्मान समारोह जैसे कई कार्यक्रम सम्पन्न हुए, उसके बाद महाप्रसादी का आयोजन किया गया। इससे पहले शनिवार को सभी बटुकों को प्रायश्चित स्नान करवाया गया व विष्णु पूजन कर गणपति स्थापना की गई। देर शाम को सुंदरकांड का पाठ किया गया व रात में भजन संध्या आयोजित की गई।

रविवार दोपहर को सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें नृसिंहपुरा के छात्र आशिष जोशी, छात्रा प्रीति जोशी, मेहुल जोशी, तनिष्क जोशी, मातासुला के कृष्णगोपाल जोशी, दर्शिता जोशी, मनीष जोशी, निर्मल जोशी, दर्शन जोशी व वास के लक्ष जोशी सहिज समाज के भामाशाह एडवोकेट गिरीजाशंकर मेहता, वरदीशंकर पुजारी, हीरा लाल पुजारी आदि का सम्मान किया गया।

भवानीशंकर जोशी ने बताया कि कार्यक्रम में निलंकठ जोशी, यशवंत जोशी, एडवोकेट गोपाल जोशी, एडवोकेट दिलीप जोशी व एडवोकेट धर्मेश जोशी सहित 16 मंडलों के हजारों महिला-पुरूष शामिल हुए। अंत में वाकलेश्वर मंडल के अध्यक्ष मोहन लाल जोशी, महामंत्री चंपा लाल जोशी, कार्यक्रम संयोजक भवानीशंकर जोशी व सहसंयोजक शांति लाल जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

आचार्य पुष्कर लाल आमेटा ने बताया कि बालकों को संस्कारवान व उत्तम गुणवान बनाने तथा परमचेतना से जोड़ने के यज्ञोपवीत संस्कार करवाया जाता है। रविवार को इस कार्यक्रम के तहत सबसे पहले ग्रहशांति प्रमाणित की गई, फिर यज्ञोपवीत संस्कार व वेदारंभ संस्कार संपन्न कराया गया। विवाह योग्य हो चुके बटुकों का समावर्तन संस्कार किया गया व ये तीनों संस्कार अलगल-अलग वेदियों पर किए गए। बटुकों को हवन आहुतियों के साथ संस्कारों के नियम सुनाए गए।

नाई के आचार्य किशन लाल आमेटा ने बताया कि मेवाड़ क्षेत्र में सहस्त्रचंडी महायज्ञ समिति है, जिसके तत्वावधान में अब तक 10 यज्ञ संपन्न कराए जा चुके है, महायज्ञ के साथ ही सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का प्रकल्प शुरू किया गया तथा निरंतर अलग-अलग मंडलों में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने आगामी दिनों में ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य समाज के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

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