
उदयपुर, । गर्मी में पशुओं का डीवर्मिंग करना नितान्त आवश्यक है अर्थात् कृमिनाशक दवा लेना लाभदायक होता है। पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि वातावरण मे तापमान वृद्धि से छोटे तालाबों, पोखरों एवं नालों का पानी वाष्पीकृत होकर उड़ना प्रारम्भ हो जाता है और बचे हुए कम पानी मे कृमियों की सान्द्रता बढ़ जाती हैं। यह पानी पशु के पीने में आने से कृमि पशु के शरीर मे पहुंच जाते है जिससे पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, उत्पादन में भारी गिरावट होने की संभावना रहती है। ऐसे में प्रारम्भ में ही पशु को कृमिनाशक दवा देकर उन्हे सुरक्षित रखना चाहिए।