बिलेठा पंचायत का बदबूदार सच: सरपंच की नाकामी ने तीन दिन तक सड़ते शव की दुर्गंध में डुबोया गांव
जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब)
ग्राम पंचायत बिलेठा में स्वच्छता व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई, जब पंचायत भवन परिसर में तीन दिनों तक एक मृत कुत्ता सड़ता हुआ पड़ा रहा और पंचायत प्रशासन ने इसकी ओर ध्यान देना तक जरूरी नहीं समझा। बदबू से ग्रामीण त्रस्त रहे, लेकिन सरपंच और प्रशासन की निष्क्रियता ने पूरे गांव में रोष की लहर पैदा कर दी।
सफाई बजट हर साल जारी, लेकिन व्यवस्था रसातल में
ग्रामीणों का कहना है कि हर वित्तीय वर्ष सफाई के नाम पर बजट आता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात बदहाली की हद तक खराब हैं। स्थिति यह है कि पंचायत अपने ही कार्यालय से एक मृत पशु को समय पर हटवाने में नाकाम रही। ऐसे में नालियों, रास्तों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई कैसी होगी, इसका अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है।
सफाई कर्मचारी राजू और अभिषेक भुगतान से परेशान
मामले में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई — सफाई कर्मचारी राजू और अभिषेक हरिजन को महीनों से भुगतान नहीं मिला। ग्रामीणों के अनुसार उन्हें काम भी नहीं करने दिया जा रहा। इस लापरवाही के चलते दोनों कर्मचारियों ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अब वे सफाई कार्य करने के लिए तैयार नहीं।
रात के अंधेरे में ‘चोरी-छिपे’ उठवाया शव
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बढ़ते विरोध को देखते हुए सरपंच के करीबी लोगों ने तीन दिन बाद अंधेरे में मृत कुत्ते को उठवाकर फिंकवा दिया। इस चोरी-छिपे की गई कार्रवाई से ग्रामीणों में और अधिक आक्रोश फैल गया है। लोगों का कहना है कि यदि सरपंच बुनियादी स्वच्छता भी सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो पंचायत की अन्य जिम्मेदारियाँ कैसे निभाएगा?
वीडियो वायरल करने और शिकायत भेजने की तैयारी
गांव के कई युवाओं ने सड़ते शव और प्रशासनिक लापरवाही के वीडियो बनाए हैं। इन्हें जिला कलेक्टर, एसडीएम और पंचायत राज मंत्री तक भेजने की तैयारी चल रही है। वहीं, ग्रामीण खुलेआम सरपंच को “नकारा”, “निकम्मा” और “ज़िम्मेदारी से भागने वाला” कहकर विरोध जता रहे हैं।
