रामलला का सूर्यतिलक, अयोध्या राम जन्मोत्सव पर उल्लास में डूबी
अयोध्या। देश भर के साथ अयोध्या में रामलला के जन्मोत्सव की धूम है। दोपहर में ठीक 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया। इस मौके का साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। आने वाले भक्तों पर ड्रोन से सरयू के पवित्र जल की फुहारों से बारिश कराई गई। रामनगरी में भक्तों की कतारें लगी हैं। रामनगरी के सभी प्रवेश द्वारों से लेकर राम मंदिर सहित पूरी, अयोध्या अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी डूब चुकी है। उत्सव में सहभागी बनने को दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच हैं। पूरी नगरी राम जन्म के आह्लाद में निमग्न है। रामनगरी के सभी प्रवेश द्वारों से लेकर राम मंदिर सहित पूरे रामजन्मभूमि परिसर का दृश्य अलौकिक सा प्रतीत हो रहा है।
इस तरह हुआ सूर्य तिलक
मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गईं। लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराईं। यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।
जगह-जगह वितरित किया जा रहा शरबत
गर्मी और धूप से श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसके लिए जगह-जगह बैठने की व्यवस्था की गई। लोगों ने शरबत वितरित किया। इससे श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली।
चैत्र शुक्ल नवमी सम्वत् 2082 तद्नुसार छह अप्रैल को नव्य-भव्य राम मंदिर में दूसरी बार राम जन्मोत्सव आयोजित हो रहा है। इसके लिए चहुंओर तैयारियां की गई हैं। एक ओर रामलला के धाम की भव्य साज-सज्जा कराई गई है, तो वहीं उत्सव में सहभागिता करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं।
सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं का कारवां नागेश्वर नाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और राम मंदिर की ओर रवाना हो रहा है। सरयू के घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। जल पुलिस के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। राम मंदिर में दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया है।
राम मंदिर के मुख्य गेट के सामने कांटों पर लेटे बाबा श्रद्धालुओं में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोग इन्हें काटों वाले बाबा के नाम से जानते हैं। श्रद्धालु उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। इससे पहले महाकुंभ में भी काटों वाले बाबा चर्चा में आए थे। हालांकि, दोनों बाबा एक ही हैं, इसकी पुष्टि नहीं है।