साहित्य

वो सबके दिल में रहता है
हाल-ए-अन्नदाता
हम मतदाता हैं…….!
उपलब्धि हिन्दोस्तान की
दुनिया का नंबर वन लापरवाह आदमी मैं ही हूं..
दो औरतें
भोर हुई 
अस्तित्व की सार्थकता
अहसास
सिहर रही गेरुई ज्वाला
जाड़ कहति बा :
कोशिश