साहित्य

माँग में सिंदूर लो हो गईं दूर
नवजातों की जिंदगियां हो गई राख़
नमन श्रद्धा से करता रहेगा, सारा हिंदुस्तान
मीडिया की वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका
कविता.....हिंदी संग प्रेम
शिक्षक दिवस विशेष....हमारे शिक्षक.....
आप मुझे ‘चटपटी जी’ कह सकते हैं
राखी
जमीं पर आ गिरा वह, जो उड़ता आसमान में है .....
अथ श्री बजट चालीसा
इंसानियत कितनी खो गई
न तालाब में न बावड़ी में और न ही अब आखों में पानी